aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "داس"
गोपालदास नीरज
1925 - 2018
शायर
दाग़ देहलवी
1831 - 1905
भगवान दास एजाज़
1932 - 2020
कालीदास गुप्ता रज़ा
1925 - 2001
लेखक
साहिर सियालकोटी
1906 - 1984
द्वारका दास शोला
1910 - 1983
महात्मा गाँधी
1869 - 1948
शबाब ललित
born.1933
मियाँ दाद ख़ां सय्याह
1829/30 - 1907
दुआ अली
नारायण दास पूरी
1870 - 1953
कालीदास
तुलसी दास
1527 - 1643
मिर्ज़ा जवाँ बख़्त जहाँदार
1749 - 1788
शिव चरन दास गोयल ज़ब्त
born.1918
उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्यादाग़ ही देंगे मुझ को दान में क्या
तेरा ग़म है तो ग़म-ए-दहर का झगड़ा क्या हैतेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात
आज हम दार पे खींचे गए जिन बातों परक्या अजब कल वो ज़माने को निसाबों में मिलें
वो इल्म में अफ़लातून सुने वो शेर में तुलसीदास हुएवो तीस बरस के होते हैं वो बी-ए एम-ए पास हुए
शाम बन गई सहरवो उठी लहर कि दह गए क़िलए' बिखर बिखर
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मज़ामीन / लेख
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एस. एन. दास गुप्ता
Angare
सज्जाद ज़हीर
प्रतिबंधित पुस्तकें
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मुंशी बुल्लाक़ी दास
विज्ञान
Mahabharat
ठाकुर सुखराम दास चौहान
दास्तान
देखा कहीं कबीर
दोहा
Asadulla Khan Ghalib Murd
ज़माना हुस्न नज़ाकत बला जफ़ा शोख़ीसिमट के आ गए सब आप की अदाओं में
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाएजिस में इंसान को इंसान बनाया जाए
जितना कम सामान रहेगाउतना सफ़र आसान रहेगा
अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुईमेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
है बहुत अँधियार अब सूरज निकलना चाहिएजिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
बदन पे जिस के शराफ़त का पैरहन देखावो आदमी भी यहाँ हम ने बद-चलन देखा
जान तुम पर निसार करता हूँमैं नहीं जानता दुआ क्या है
दाग़ मुझ में है कि तुझमें ये पता तब होगामौत जब आएगी कपड़े लिए धोबन की तरह
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