आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "कार"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "कार"
नज़्म
शिकवा
क्यूँ ज़ियाँ-कार बनूँ सूद-फ़रामोश रहूँ
फ़िक्र-ए-फ़र्दा न करूँ महव-ए-ग़म-ए-दोश रहूँ
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
जवाब-ए-शिकवा
इस क़दर शोख़ कि अल्लाह से भी बरहम है
था जो मस्जूद-ए-मलाइक ये वही आदम है
अल्लामा इक़बाल
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "कार"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "कार"
नज़्म
ये महलों ये तख़्तों ये ताजों की दुनिया
जवानी भटकती है बद-कार बन कर
जवाँ जिस्म सजते हैं बाज़ार बन कर
साहिर लुधियानवी
नज़्म
दरख़्त-ए-ज़र्द
कि आख़िर इस जहाँ का एक निज़ाम-ए-कार है आख़िर
जज़ा का और सज़ा का कोई तो हंजार है आख़िर