आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "baqaa"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "baqaa"
नज़्म
दरख़्त-ए-ज़र्द
हमारा ख़ून भी सच-मुच का सेहने पर बहा होगा
है आख़िर ज़िंदगी ख़ून अज़-बुन-ए-नाख़ुन बर-आवर-तर
जौन एलिया
नज़्म
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
रेशम ओ अतलस ओ कमख़ाब में बुनवाए हुए
जा-ब-जा बिकते हुए कूचा-ओ-बाज़ार में जिस्म
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़
ये ज़र की जंग है न ज़मीनों की जंग है
ये जंग है बक़ा के उसूलों के वास्ते
साहिर लुधियानवी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "baqaa"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "baqaa"
ग़ज़ल
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
न फ़ना मिरी न बक़ा मिरी मुझे ऐ 'शकील' न ढूँढिए
मैं किसी का हुस्न-ए-ख़याल हूँ मिरा कुछ वजूद ओ अदम नहीं
शकील बदायूनी
शेर
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
अल्लामा इक़बाल
शेर
मिल भी जाता जो कहीं आब-ए-बक़ा क्या करते
ज़िंदगी ख़ुद भी थी जीने की सज़ा क्या करते