aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ehtiyaat"
फ़ैसल इम्तियाज़ ख़ान
born.2001
शायर
एहतमाम सादिक़
born.1993
सय्यद इम्तियाज़ अली ताज
1900 - 1970
लेखक
इम्तियाज़ ख़ान
born.1989
इम्तियाज़ साग़र
हिजाब इम्तियाज़ अली
1908 - 1999
आरिफ़ इशतियाक़
born.1979
इम्तियाज़ अली अर्शी
1904 - 1981
निकहत बरेलवी
born.1935
लुत्फ़ुन्निसा इम्तियाज़
born.1761
राज़ रामपुरी
1883 - 1918
इम्तियाज़ काविश
born.2003
इम्तियाज़ अहमद क़मर
1944 - 1993
इशतियाक़ अहमद
नावक लखनवी
फिर वज़'-ए-एहतियात से रुकने लगा है दमबरसों हुए हैं चाक गरेबाँ किए हुए
दिल की वारफ़्तगी है अपनी जगहफिर भी कुछ एहतियात सी है अभी
उफ़ ये फ़ज़ा-ए-एहतियात ता कहीं उड़ न जाएँ हमबाद-ए-जुनूब भी नहीं बाद-ए-शिमाल भी नहीं
तिरा निज़ाम है सिल दे ज़बान-ए-शायर कोये एहतियात ज़रूरी है इस बहर के लिए
कट गई एहतियात-ए-इश्क़ में उम्रहम से इज़हार-ए-मुद्दआ न हुआ
एहतियातاحتیاط
care, caution, precaution, wariness
Aaina-e-Amliyat
मोहम्मद अज़ीज़ुर्रहमान
इस्लामियात
अनार कली
रोमांनवी
उर्दू अदब में तन्क़ीद की अहमियत
क़य्यूम सादिक़
आलोचना
Waqt Ki Ahmiyat
अल्लामा यूसुफ़-उल-क़रज़ावी
अनुवाद
Barre-Azeem Pak-o-Hind Ki Millat-e-Islamia
इश्तियाक़ हुसैन क़ुरैशी
अन्य
Radio, Television: Programmon Ki Tayyari Aur Peshkashi
पत्रकारिता
Chachaa Chhakkan
लेख
Anarkali
Farhang-e-Adbiyat
सलीम शहज़ाद
भाषा
Ehtisab-ul-Arooz
कुंदन अरावली
छंदशास्र
ख़दीजा मस्तूर की नावेल निगारी पर ए् नज़र
डॉ. इश्तियाक़ आलम आज़मी
Adbiyat-e-Farsi Mein Hinduon Ka Hissa
सय्यद अब्दुल्लाह
रौशनी कम तपिश ज़्यादा
अली इक़बाल
मज़ामीन / लेख
Taleem Aur Zindagi Ki Ahmiyat
जे. कृष्णा मूर्ती
एजुकेशन / शिक्षण
ऐ 'अदम' एहतियात लोगों सेलोग मुनकिर-नकीर होते हैं
उन्हें पता भी चले और वो ख़फ़ा भी न होंइस एहतियात से क्या मुद्दआ की बात करें
अब एहतियात की कोई सूरत नहीं रहीक़ातिल से रस्म-ओ-राह सिवा कर चुके हैं हम
ये नई एहतियात देखी हैआइने से हिजाब करते हो
ढले तो होती है कुछ और एहतियात की उम्रकि बहते बहते ये दरिया उछाल लेता है
अब एहतियात की दीवार क्या उठाते होजो चोर दिल में छुपा था वो काम कर भी गया
आज़ादगी में शर्त भी है एहतियात कीपर्वाज़ का है इज़्न मगर पर समेट लो
तमाम उम्र इसी एहतियात में गुज़रीकि आशियाँ किसी शाख़-ए-चमन पे बार न हो
यही है मस्लहत-ए-जब्र-ए-एहतियात तो फिरहम अपना हाल कहेंगे छुपा के लहजे में
एहतियात रखने की कोई हद भी होती हैभेद हम ने खोले हैं भेद को छुपाने में
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