आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "raKHt"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "raKHt"
नज़्म
जवाब-ए-शिकवा
दिल से जो बात निकलती है असर रखती है
पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो
रख़्त-ए-दिल बाँध लो दिल-फ़िगारो चलो
फिर हमीं क़त्ल हो आएँ यारो चलो
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "raKHt"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "raKHt"
नज़्म
वालिदा मरहूमा की याद में
रख़्त-ए-हस्ती ख़ाक-ए-ग़म की शो'ला-अफ़्शानी से है
सर्द ये आग इस लतीफ़ एहसास के पानी से है
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
लाग की आग लग उठी पम्बा तरह सा जल गया
रख़्त-ए-वजूद जान-ओ-तन कुछ न बचा जो हो सो हो
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
नज़्म
आज की रात
शब्नमिस्तान-ए-तजल्ली का फ़ुसूँ क्या कहिए
चाँद ने फेंक दिया रख़्त-ए-सफ़र आज की रात