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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

बेस्ट प्यास शायरी

किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी

झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी

आरज़ू लखनवी

अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना

हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है

बशीर बद्र

ये पानी ख़ामुशी से बह रहा है

इसे देखें कि इस में डूब जाएँ

अहमद मुश्ताक़

आदमी बुलबुला है पानी का

क्या भरोसा है ज़िंदगानी का

मौलवी अब्दुर रज़ा रज़ा

अब तो इस तालाब का पानी बदल दो

ये कँवल के फूल कुम्हलाने लगे हैं

दुष्यंत कुमार

नाम पानी पे लिखने से क्या फ़ाएदा

लिखते लिखते तिरे हाथ थक जाएँगे

बशीर बद्र

चल तो सकता था मैं भी पानी पर

मैं ने दरिया का एहतिराम किया

अंजुम सलीमी

हँसता पानी रोता पानी

मुझ को आवाज़ें देता था

नासिर काज़मी

इश्क़ में पीने का पानी बस आँख का पानी

खाने में बस पत्थर खाए जा सकते थे

फ़रहत एहसास

बहुत गदला था पानी उस नदी का

मगर मैं अपना चेहरा देख आया

शारिक़ कैफ़ी

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