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भारत के शायर और अदीब

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मशहूर अफ़्साना निगार और नॉवेल निगार, हिन्दुस्तान में साम्प्रदायिक दंगों के परिप्रेक्ष्य में कहनियाँ और उपन्यास लेखन के लिए जाने जाते हैं।

मुशायरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाने वाले शायर

मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन और मित्र हाई कोर्ट के वकील एवं माननीय मजिस्ट्रेट

स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य। ' इंक़िलाब ज़िन्दाबाद ' का नारा दिया। कृष्ण भक्त , अपनी ग़ज़ल ' चुपके चुपके, रात दिन आँसू बहाना याद है ' के लिए प्रसिद्ध

मीर तक़ी मीर के समकालीन, अज़ीमाबाद के प्रतिष्ठित एवं प्रतिनिधि शायर

मौलाना अहमद रज़ा ख़ान के भाई, दाग़ देहलवी के शिष्य

प्रतिष्ठित पत्रकार और शायर

प्रतिष्ठित आलोचक और बुद्धिजीवी

मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन, 19वीं सदी की उर्दू ग़ज़ल का रौशन सितारा।

अपने शेर 'बैठ जाता हूँ जहाँ छाँव घनी होती है' के लिए मशहूर।

आधुनिक भारतीय रंग-मंच के अग्रणी हस्ताक्षरों में शामिल। अपने नाटक 'आगरा बाज़ार ' के लिए प्रसिद्ध

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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