aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

अदीब सहारनपुरी

1920 - 1963 | कराची, पाकिस्तान

पूर्वाधुनिक शायरों में शामिल, परम्परा और आधुनिकता के मिश्रण की शायरी के लिए जाने जाते हैं

पूर्वाधुनिक शायरों में शामिल, परम्परा और आधुनिकता के मिश्रण की शायरी के लिए जाने जाते हैं

अदीब सहारनपुरी

ग़ज़ल 9

अशआर 7

मंज़िलें भूलेंगे राह-रौ भटकने से

शौक़ को तअल्लुक़ ही कब है पाँव थकने से

अपने अपने हौसलों अपनी तलब की बात है

चुन लिया हम ने उन्हें सारा जहाँ रहने दिया

  • शेयर कीजिए

राहत की जुस्तुजू में ख़ुशी की तलाश में

ग़म पालती है उम्र-ए-गुरेज़ाँ नए नए

हज़ार बार इरादा किए बग़ैर भी हम

चले हैं उठ के तो अक्सर गए उसी की तरफ़

बाँध कर अहद-ए-वफ़ा कोई गया है मुझ से

मिरी उम्र-ए-रवाँ और ज़रा आहिस्ता

पुस्तकें 1

 

वीडियो 15

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

अदीब सहारनपुरी

अदीब सहारनपुरी

अदीब सहारनपुरी

अदीब सहारनपुरी

अदीब सहारनपुरी

अदीब सहारनपुरी

adeeb saharanpuri: mushaira: bakhshey phir us nigah ادیب سہارنپوری: بخشے پھر اس نگاہ: مشاعرہ

अदीब सहारनपुरी

बख़्शे फिर उस निगाह ने अरमाँ नए नए

अदीब सहारनपुरी

नग़्मा-ए-इश्क़-ए-बुताँ और ज़रा आहिस्ता

अदीब सहारनपुरी

बख़्शे फिर उस निगाह ने अरमाँ नए नए

अदीब सहारनपुरी

"कराची" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए