aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अहमद ज़फ़र

ग़ज़ल 23

नज़्म 9

अशआर 6

कौन डूबेगा किसे पार उतरना है 'ज़फ़र'

फ़ैसला वक़्त के दरिया में उतर कर होगा

जो रेज़ा रेज़ा नहीं दिल उसे नहीं कहते

कहें आईना उस को जो पारा-पारा नहीं

अंग अंग से रंग रंग के फूल बरसते देखे कौन

रंग रंग से शोले बरसे कैसे बरसे सोचे कौन

उन से मेरी बात पूछ

उन से मेरी अन-बन है

मैं मकीं हूँ मकाँ शहर-ए-मोहब्बत का 'ज़फ़र'

दिल मुसाफ़िर किसी ग़ैर के घर जाएगा

"गुजरांवाला" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए