ख़ालिद अलीग
अशआर 1
वो जो एक बात थी गुफ़्तनी वही एक बात शुनीदनी
जिसे मैं ने तुम से कहा नहीं जिसे तुम ने मुझ से सुना नहीं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere