Mahwar Sirsivi's Photo'

महवर सिरसिवी

2002 | लखनऊ, भारत

महवर सिरसिवी

ग़ज़ल 17

नज़्म 2

 

अशआर 20

इक हाथ में मेरे चाय का कप इक हाथ में मेरे हाथ तिरा

हाथों को तलब है हाथों की और दिल को तलब है साथ तिरा

  • शेयर कीजिए

उल्फ़त तो देखिए मिरी दीदार के सबब

दरवेश बन के यार की चौखट पे गया

  • शेयर कीजिए

ज़वाल ये है कि हम ज़िंदगी से हार गए

कमाल ये है कि हम ज़िंदगी गुज़ार गए

  • शेयर कीजिए

एक मुद्दत से नींद तारी है

एक मुद्दत से सो नहीं पाए

  • शेयर कीजिए

अपने हाथों को चूमता होगा

तेरी ज़ुल्फ़ें सँवारने वाला

  • शेयर कीजिए

"लखनऊ" के और शायर

Recitation

aah ko chahiye ek umr asar hote tak SHAMSUR RAHMAN FARUQI

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए