aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Nadeem ahmad's Photo'

आलोचक और शायर

आलोचक और शायर

नदीम अहमद

ग़ज़ल 8

अशआर 6

कुछ दिनों दश्त भी आबाद हुआ चाहता है

कुछ दिनों के लिए अब शहर को वीरानी दे

इश्क़ में ख़ैर था जुनूँ लाज़िम

अब कोई दूसरा हुनर भी करूँ

कभी तो यूँ कि मकाँ के मकीं नहीं होते

कभी कभी तो मकीं का मकाँ नहीं होता

मालूम नहीं नींद किसे कहते हैं लेकिन

करता तो हूँ इक काम मैं सोने की तरह का

दिल का शजर तो और भी पलने की आड़ में

मुरझा गया है फूलने-फलने के नाम पर

लेख 1

 

पुस्तकें 8

 

"कोलकाता" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए