Sahba lakhnavi's Photo'

सहबा लखनवी

1919 - 2002 | कराची, पाकिस्तान

सहबा लखनवी

ग़ज़ल 4

 

नज़्म 18

अशआर 3

मौज मौज तूफ़ाँ है मौज मौज साहिल है

कितने डूब जाते हैं कितने बच निकलते हैं

  • शेयर कीजिए

कारवाँ के चलने से कारवाँ के रुकने तक

मंज़िलें नहीं यारो रास्ते बदलते हैं

  • शेयर कीजिए

कितने दीप बुझते हैं कितने जलते हैं

अज़्म-ए-ज़िंदगी ले कर फिर भी लोग चलते हैं

  • शेयर कीजिए
 

पुस्तकें 370

"कराची" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए