Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Behzad Lakhnavi's Photo'

बहज़ाद लखनवी

1900 - 1974 | कराची, पाकिस्तान

नात, ग़ज़ल और भजन के ख़ास रंगों के मशहूर शायर । उनकी मशहूर ग़ज़ल ' ए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ ' को कई गायकों ने आवाज़ दी है

नात, ग़ज़ल और भजन के ख़ास रंगों के मशहूर शायर । उनकी मशहूर ग़ज़ल ' ए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ ' को कई गायकों ने आवाज़ दी है

बहज़ाद लखनवी

ग़ज़ल 31

नज़्म 2

 

अशआर 11

वफ़ाओं के बदले जफ़ा कर रहे हैं

मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे हैं

  • शेयर कीजिए

आता है जो तूफ़ाँ आने दे कश्ती का ख़ुदा ख़ुद हाफ़िज़ है

मुमकिन है कि उठती लहरों में बहता हुआ साहिल जाए

जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल जाए

मंज़िल के लिए दो गाम चलूँ और सामने मंज़िल जाए

मैं ढूँढ रहा हूँ मिरी वो शम्अ कहाँ है

जो बज़्म की हर चीज़ को परवाना बना दे

हम भी ख़ुद को तबाह कर लेते

तुम इधर भी निगाह कर लेते

  • शेयर कीजिए

नअत 48

पुस्तकें 52

चित्र शायरी 1

 

वीडियो 26

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

बहज़ाद लखनवी

ऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए

बहज़ाद लखनवी

ऑडियो 5

ऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए

क्या ये भी मैं बतला दूँ तू कौन है मैं क्या हूँ

तुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है

Recitation

संबंधित शायर

"कराची" के और शायर

Recitation

Join us for Rekhta Gujarati Utsav | 19th Jan 2025 | Bhavnagar

Register for free
बोलिए