1951 | दिल्ली, भारत
नैतिक मूल्यों पर ज़ोर देने वाले लोकप्रिय शायर
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तकोगे राह सहारों की तुम मियाँ कब तक
क़दम उठाओ कि तक़दीर इंतिज़ार में है
अजनबी रास्तों पर भटकते रहे
आरज़ूओं का इक क़ाफ़िला और मैं
अगर फूलों की ख़्वाहिश है तो सुन लो
किसी की राह में काँटे न रखना
Abul Mujahid Zahid : Fikr Aur Fan
2003
Ghazal Nama
2011
मुश्क-ए-ग़ज़ालाँ
2014
शफ़ीक़ जौनपुरी: एक मुताला
2002
Subh-e-Sadiq
2008
Tabeer
1989
तन्क़ीद-ओ-तरसील
तन्क़ीदी व तहक़ीक़ी मज़ामीम
Tuba
उर्दू तंक़ीद का सफ़र
जामिया मिल्लिया के तनाज़ुर में
2004
उर्दू तन्क़ीद का सफ़र
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के तनाज़ुर में
1999
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