aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "انفعال"
यासिर ख़ान इनाम
born.1986
शायर
अफ़ज़ाल अहमद सय्यद
born.1946
इनामुल्लाह ख़ाँ यक़ीन
1727 - 1755
इनआम आज़मी
born.1997
अफ़ज़ाल फ़िरदौस
born.1957
इनाम नदीम
born.1967
अफ़ज़ाल नवेद
सबीला इनाम सिद्दीक़ी
born.1994
इनाम-उल-हक़ जावेद
born.1949
इनाम कबीर
क़ाज़ी अफ़ज़ाल हुसैन
लेखक
इनाम थानवी
1922 - 2008
अफ़ज़ाल सरस्वी
अफ़ज़ाल अाक़िल
इनाम शरर अय्यूबी
फ़लक-ए-सिफ़्ला बे-मुहाबा हैइस सितम-गर को इंफ़िआल कहाँ
मोती समझ के शान-ए-करीमी ने चुन लिएक़तरे जो थे मिरे अरक़-ए-इंफ़िआ'ल के
या रब मुआ'फ़ कर के न दे कर्ब-ए-इंफ़िआलमैं ने ख़ताएँ की हैं सज़ा चाहिए मुझे
हंगामा-ए-ज़बूनी-ए-हिम्मत है इंफ़िआलहासिल न कीजे दहर से इबरत ही क्यूँ न हो
दरया-ए-गंगा के बारे में कहा जाता है कि पहले ये स्वर्गलोक में बहता था और सिरी राम चन्द्र जी के एक बुज़ुर्ग महाराजा भागीरथ तपस्या के ज़ोर से उसे ज़मीन पर लाए थे। अब दरिया-ए-जमुना के ज़हूर का हाल मिर्ज़ा से सुन लीजिए। कहते हैं कि मेरी वहशत के लिए...
बच्चों की भावनाओं को दर्शाती हुई शायरी
बाल साहित्य आलोचना पर दस सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें यहाँ पढ़ें। यह पेज बाल साहित्य आलोचना पर सर्वोत्तम पुस्तकें प्रस्तुत करता है।
अग्रणी प्रगतिशील शायरों में शामिल आलोचक, बुद्धिजीवी और साहित्यिक पत्रिका ‘गुफ़्तुगू’ के संपादक भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित उर्दू शायरों पर टीवी सीरियलों के निर्माता
आब-ए-इंफ़ि'आलآبِ اِنفِعال
वह पसीना जो लज्जा के कारण आए
मक़ूला-इंफि'आलمَقُولَہ اِنفِعال
(منطق) وہ ہیئت جو کسی شے کو فاعل کے فعل کا اثر قبول کرنے سے حاصل ہو
Arq-e-Infial
शाहिद हाश्मी
मज़ामीन / लेख
Kushta-e-Infeal
सय्यद आल-ए-हसन
Araq-e-Infiaal
Urdu Ki Pahli Kitab
इस्माइल मेरठी
सीखने के संसाधन
उर्दू लर्निंग कोर्स
रईस सिद्दीक़ी
उर्दू ज़बान का क़ाएदा
मोहम्मद इस्माईल
Urdu Ki Nai Kitab
गोपी चंद नारंग
पाठ्य पुस्तक
Ulta Darakht
कृष्ण चंदर
उपन्यास
Akhlaqi Kahaniyan
अननोन ऑथर
शिक्षाप्रद
Zarb-ul-Amsaal
ख़्वाजा अब्दुल मजीद
Urdu Kaise Likhein
रशीद हसन ख़ाँ
परियों की कहानियाँ
अशरफ़ सबूही
कहानी
उर्दू की कहानी
सय्यद एहतिशाम हुसैन
भाषा
Tadrees-e-Zaban-e-Urdu
इनामुल्लाह ख़ाँ शरवानी
भाषा एवं साहित्य
Hamare Rasool
मोहम्मद अब्दुल हई फ़ारूक़ी
अक्स से आइने में कहता हैखींच कर इंफ़िआल बोसे का
वहशत पे मेरी अरसा-ए-आफ़ाक़ तंग थादरिया ज़मीन को अरक़-ए-इंफ़िआ'ल है
उस तबा-ए-नाज़नीं को कहाँ ताब-ए-इंफ़िआलजासूस मेरे वास्ते ऐ बद-गुमाँ न छोड़
شاعری چونکہ وجدانی چیز ہے اس لئے اس کی جامع و مانع تعریف چند الفاظ میں نہیں کی جاسکتی، اس بنا پر مختلف طریقوں سے اس کی حقیقت کا سمجھانا زیادہ مفید ہوگا کہ ان سب کے مجموعہ سے شاعری کا ایک صحیح نقشہ پیش نظر ہو جائے۔ خدا نے...
तू ने रख ली गुनाहगार की शर्मकाम आया न इंफ़िआल अपना
سوِلزیشن انگریزی لفظ ہے جس کا تہذیب ہم نے ترجمہ کیا ہے مگر اس کے معنی نہایت وسیع ہیں۔ اس سے مراد ہے انسان کے تمام افعالِ ارادی، اخلاق اور معاملات اور معاشرت اور تمدن اور طریقہ تمدن اور صرف اوقات اور علوم اور ہر قسم کے فنون و ہنر...
رضا جو ہو تو کروں تیرے روضے کا بستارکہ انفعال ہو لاف و گزاف سے اس کو
तस्वीर के ’अक़ब में तहरीर-शुदा ’इबारत पढ़ने के बा’द मेरे औसान-ख़ता हो गए। तारीख़ पर नज़र पड़ी तो हवास मु’अत्तल हो गए, गोया पाँव के नीचे से ज़मीन खिसक गई हो। मुझे किसी भी हाल में पहुँचना था लेकिन मैं ये तय नहीं कर पा रहा था कि मुझे जाना...
دوزخ ہے میرے شرم گنہ کے عرق میں غرقلیکن نہیں ہنوز مجھے ٹک بھی انفعال
پٹری چمک رہی تھی، گاڑی گزر چکی تھی ٹھیک سے یاد نہیں اسے پہلے پہل کب دیکھا اور وہ اس وقت کیا پہنے ہوئے تھی، کیسی لگ رہی تھی۔ وہ ان عورتوں میں سے تھی جن سے مل کر اپنے مرد ہونے کا احساس نہیں ہوتا۔ مطلب یہ کہ وہ...
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