आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "नर्म"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "नर्म"
नज़्म
कभी कभी
कभी कभी मिरे दिल में ख़याल आता है
कि ज़िंदगी तिरी ज़ुल्फ़ों की नर्म छाँव में
साहिर लुधियानवी
ग़ज़ल
मिरी दास्ताँ का उरूज था तिरी नर्म पलकों की छाँव में
मिरे साथ था तुझे जागना तिरी आँख कैसे झपक गई
बशीर बद्र
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "नर्म"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "नर्म"
नज़्म
तुलू-ए-इस्लाम
हमारा नर्म-रौ क़ासिद पयाम-ए-ज़िंदगी लाया
ख़बर देती थीं जिन को बिजलियाँ वो बे-ख़बर निकले
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
परछाइयाँ
फ़ज़ा में घुल से गए हैं उफ़ुक़ के नर्म ख़ुतूत
ज़मीं हसीन है ख़्वाबों की सरज़मीं की तरह
साहिर लुधियानवी
ग़ज़ल
नर्म फ़ज़ा की करवटें दिल को दुखा के रह गईं
ठंडी हवाएँ भी तिरी याद दिला के रह गईं
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
जो ख़ानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना
तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है
शबीना अदीब
नज़्म
मस्जिद-ए-क़ुर्तुबा
इश्क़ की तक़्वीम में अस्र-ए-रवाँ के सिवा
और ज़माने भी हैं जिन का नहीं कोई नाम
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ख़िज़्र-ए-राह
गोशा-ए-दिल में छुपाए इक जहान-ए-इज़तिराब
शब सुकूत-अफ़्ज़ा हवा आसूदा दरिया नर्म सैर
अल्लामा इक़बाल
मर्सिया
मद्दाह को अब ताज़गी-ए-नज़्म में कद है
या हज़रत-ए-अब्बास-ए-अली वक़्त-ए-मदद है