आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bik"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "bik"
ग़ज़ल
फ़ना बुलंदशहरी
ग़ज़ल
जान सी शय बिक जाती है एक नज़र के बदले में
आगे मर्ज़ी गाहक की इन दामों तो सस्ती है
फ़ानी बदायुनी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "bik"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "bik"
नज़्म
मुफ़्लिसी
बिन मुर्दे घर में शोर मचाती है मुफ़्लिसी
लाज़िम है गर ग़मी में कोई शोर-ग़ुल मचाए
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
बन-बास
मैं वो इक लाल हूँ जो बिक गया बाज़ारों में
फिर कोई पूछने मुझ को न यमन से आया