aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "u.Daan"
अहमद नदीम क़ासमी
1916 - 2006
शायर
अदा जाफ़री
1924 - 2015
अब्दुल हमीद अदम
1909 - 1981
सिराज औरंगाबादी
1712 - 1764
अख़्तरुल ईमान
1915 - 1996
बेख़ुद देहलवी
1863 - 1955
अदम गोंडवी
1947 - 2011
जुरअत क़लंदर बख़्श
1748 - 1809
जमीलुद्दीन आली
1925 - 2015
उदय प्रताप सिंह
born.1932
अदनान मोहसिन
born.1985
मीर अम्मन
1748 - 1806
लेखक
अदनान हामिद
born.2000
इलियास बाबर आवान
born.1976
मौलाना वहीदुद्दीन ख़ाँ
1925 - 2021
वो मिले तो ये पूछना है मुझेअब भी हूँ मैं तिरी अमान में क्या
परों को खोल ज़माना उड़ान देखता हैज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है
वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान सेवो और थे जो हार गए आसमान से
इक परिंदा अभी उड़ान में हैतीर हर शख़्स की कमान में है
वीराँ है मय-कदा ख़ुम-ओ-साग़र उदास हैंतुम क्या गए कि रूठ गए दिन बहार के
सौ चर्चित दक्कनी अदब पर आधारित पुस्तकों का चयन.
आधुनिक उर्दू नज़्म के संस्थापकों में शामिल। अग्रणी फ़िल्म-संवाद लेखक। फ़िल्म ' वक़्त ' और ' क़ानून ' के संवादों के लिए मशहूर।
इस चयन में अख़्तरुल ईमान की कुछ नज़्में शामिल हैं। ग़ज़ल शैली को आमतौर पर उर्दू में सराहा जाता है और लगभग हर शायर ग़ज़ल लिखने की कोशिश करता है, लेकिन अख़्तरुल ईमान ने ग़ज़ल के बजाय नज़्मों को चुना और नज़्म के एक सफ़ल शायर के रूप में लोकप्रिय हो गए, उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता "एक लड़का है" जो इस चयन का हिस्सा है हम इस चयन के माध्यम से उन्हें उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि पेश करते हैं ।
उड़ानاُڑان
उड़ने की क्रिया या भाव
उड़न-छूاُڑَن چُھو
ग़ायब, रफ़ूचक्कर, अदृश्य हो जाना, नज़र से ओझल
उड़ान काاُڑان کا
उड़ने वाला, जो उड़ने में अच्छा हो (कबूतर के लिए प्रयुक्त)
उड़नاُڑَن
Tareekh-e-Adab-e-Urdu
नूरुल हसन नक़वी
इतिहास
Udas Naslein
Abdullah Husain
फ़िक्शन
तारीख़-ए-अदब-ए-उर्दू
जमील जालिबी
Urdu Adab Ki Tahreekein
अनवर सदीद
Bagh-o-Bahar
दास्तान
Urdu Adab Ki Mukhtasar Tareekh
उर्दू अदब की तारीख़
ज़ियाउर्रहमान सिद्दीक़ी
Urdu Adab Ke Irtiqa Mein Adabi Tahreekon Aur Rujhanon Ka Hissa
मंज़र आज़मी
साहित्यिक आंदोलन
Umrao Jaan Ada
मिर्ज़ा हादी रुस्वा
सामाजिक
Urdu Adab Ki Tareekh
तबस्सुम काश्मीरी
Urdu Adab Mein Khaka Nigari
साबिरा सईद
ख़ाका: इतिहास एवं समीक्षा
Angrezi Adab Ki Mukhtasar Tareekh
मोहम्मद यासीन
समीक्षा / शोध
Adab Aur Zindagi
मजनूँ गोरखपुरी
आलोचना
Farsi Adab Ki Mukhtasar Tareen Tareekh
मोहम्मद रियाज़
उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी हैपरों की अब के नहीं हौसलों की बारी है
ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरीकोई हंगामा बरपा क्यूँ करें हम
उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम हैमुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है
जो थी दिल-ताएरों की मोहलत-ए-बूदता ज़मीं वो उड़ान में गुज़री
तराश कर मिरे बाज़ू उड़ान छोड़ गयाहवा के पास बरहना कमान छोड़ गया
जाने कितनी उड़ान बाक़ी हैइस परिंदे में जान बाक़ी है
जुनून शौक़ यक़ीं ज़ाब्ते से आई हैउड़ान मुझ में मिरे हौसले से आई है
ज़मीं पे चल न सका आसमान से भी गयाकटा के पर को परिंदा उड़ान से भी गया
चमक रही है परों में उड़ान की ख़ुशबूबुला रही है बहुत आसमान की ख़ुशबू
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