Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Bashir Farooqi's Photo'

बशीर फ़ारूक़ी

1939 - 2019 | लखनऊ, भारत

बशीर फ़ारूक़ी

ग़ज़ल 20

अशआर 6

आगही कर्ब वफ़ा सब्र तमन्ना एहसास

मेरे ही सीने में उतरे हैं ये ख़ंजर सारे

चले भी आओ कि ये डूबता हुआ सूरज

चराग़ जलने से पहले मुझे बुझा देगा

हम तेरे पास के परेशान हैं बहुत

हम तुझ से दूर रहने को तय्यार भी नहीं

अजब सी आग थी जलता रहा बदन सारा

तमाम उम्र वो होंटों पे बन के प्यास रहा

पहले हम ने घर बना कर फ़ासले पैदा किए

फिर उठा दीं और दीवारें घरों के दरमियाँ

पुस्तकें 3

 

"लखनऊ" के और शायर

Recitation

Join us for Rekhta Gujarati Utsav | 19th Jan 2025 | Bhavnagar

Register for free
बोलिए