aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

मारूफ़ देहलवी

1748 - 1826 | दिल्ली, भारत

मारूफ़ देहलवी

अशआर 17

दर्द-ए-सर में है किसे संदल लगाने का दिमाग़

उस का घिसना और लगाना दर्द-ए-सर ये भी तो है

  • शेयर कीजिए

का'बा-ओ-दैर को अपना तो यहीं से है सलाम

दर-ब-दर कौन फिरे यार के दर के होते

तेरी आँखों के तसव्वुर में है सैर-ए-कौनैन

वर्ना हम लोग इधर के इधर हो के रहते

  • शेयर कीजिए

है दिल में ज़ुल्फ़-ए-यार के आलम को देखिए

फँसते हैं आप दाम में हम हम को देखिए

  • शेयर कीजिए

क्यूँ मिट्टी ख़राब हो अपनी

इस ख़राबात की बिना हैं हम

ग़ज़ल 21

पुस्तकें 3

 

"दिल्ली" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए