aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Mustafa Zaidi's Photo'

मुस्तफ़ा ज़ैदी

1929 - 1970 | कराची, पाकिस्तान

तेग़ इलाहाबादी के नाम से भी विख्यात, पाकिस्तान में सी एस पी अफ़सर थे, रहस्यमय हालात में क़त्ल किए गए।

तेग़ इलाहाबादी के नाम से भी विख्यात, पाकिस्तान में सी एस पी अफ़सर थे, रहस्यमय हालात में क़त्ल किए गए।

मुस्तफ़ा ज़ैदी

ग़ज़ल 33

नज़्म 43

अशआर 26

इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर सको तो आओ

मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है

मिरी रूह की हक़ीक़त मिरे आँसुओं से पूछो

मिरा मज्लिसी तबस्सुम मिरा तर्जुमाँ नहीं है

आँधी चली तो नक़्श-ए-कफ़-ए-पा नहीं मिला

दिल जिस से मिल गया वो दोबारा नहीं मिला

इस तरह होश गँवाना भी कोई बात नहीं

और यूँ होश से रहने में भी नादानी है

मैं किस के हाथ पे अपना लहू तलाश करूँ

तमाम शहर ने पहने हुए हैं दस्ताने

  • शेयर कीजिए

क़ितआ 11

लेख 1

 

पुस्तकें 14

वीडियो 14

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

मुस्तफ़ा ज़ैदी

मुस्तफ़ा ज़ैदी

मुसाफ़िर

मिरे वतन तिरी ख़िदमत में ले कर आया हूँ मुस्तफ़ा ज़ैदी

पहला पत्थर

सबा हमारे रफ़ीक़ों से जा के ये कहना मुस्तफ़ा ज़ैदी

फ़नकार ख़ुद न थी मिरे फ़न की शरीक थी

मुस्तफ़ा ज़ैदी

मुसाफ़िर

मिरे वतन तिरी ख़िदमत में ले कर आया हूँ मुस्तफ़ा ज़ैदी

मिरी पत्थर आँखें

अब के मिट्टी की इबारत में लिखी जाएगी मुस्तफ़ा ज़ैदी

ऑडियो 4

किसी और ग़म में इतनी ख़लिश-ए-निहाँ नहीं है

आख़िरी बार मिलो

कहानी

Recitation

"कराची" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए