join rekhta family!
ग़ज़ल 114
नज़्म 26
शेर 73
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ
जाने क्यूँ लोग मिरे नाम से जल जाते हैं
whenever my name happens to be linked to thee
I wonder why these people burn with jealousy
whenever my name happens to be linked to thee
I wonder why these people burn with jealousy
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
हास्य 3
दोहा 3
रुबाई 7
क़ितआ 6
ई-पुस्तक 27
चित्र शायरी 20
उसे मना कर ग़ुरूर उस का बढ़ा न देना वो सामने आए भी तो उस को सदा न देना ख़ुलूस को जो ख़ुशामदों में शुमार कर लें तुम ऐसे लोगों को तोहफ़तन भी वफ़ा न देना वो जिस की ठोकर में हो सँभलने का दर्स शामिल तुम ऐसे पत्थर को रास्ते से हटा न देना सज़ा गुनाहों की देना उस को ज़रूर लेकिन वो आदमी है तुम उस की अज़्मत घटा न देना जहाँ रिफ़ाक़त हो फ़ित्ना-पर्दाज़ मौलवी की बहिश्त ऐसी किसी को मेरे ख़ुदा न देना 'क़तील' मुझ को यही सिखाया मिरे नबी ने कि फ़त्ह पा कर भी दुश्मनों को सज़ा न देना