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सुदर्शन फ़ाकिर

1934 - 2008 | जालंधर, भारत

सुदर्शन कामरा , कई फ़िल्मों के लिए गीत लिखे

सुदर्शन कामरा , कई फ़िल्मों के लिए गीत लिखे

सुदर्शन फ़ाकिर

ग़ज़ल 16

नज़्म 1

 

अशआर 21

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं

जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं

इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं

चंद लम्हों में फ़ैसला करो

तेरे जाने में और आने में

हम ने सदियों का फ़ासला देखा

हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब

आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया

देखने वालो तबस्सुम को करम मत समझो

उन्हें तो देखने वालों पे हँसी आती है

गीत 1

 

चित्र शायरी 6

 

वीडियो 12

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