Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Shahryar's Photo'

शहरयार

1936 - 2012 | अलीगढ़, भारत

अग्रणी आधुनिक उर्दू शायरों में शामिल। फ़िल्म गीतकार , ' फ़िल्म उमराव जान ' , के गीतों के लिए प्रसिद्ध। भारतीय ज्ञान पीठ एवार्ड से सम्मानित

अग्रणी आधुनिक उर्दू शायरों में शामिल। फ़िल्म गीतकार , ' फ़िल्म उमराव जान ' , के गीतों के लिए प्रसिद्ध। भारतीय ज्ञान पीठ एवार्ड से सम्मानित

शहरयार की टॉप 20 शायरी

शदीद प्यास थी फिर भी छुआ पानी को

मैं देखता रहा दरिया तिरी रवानी को

जहाँ में होने को दोस्त यूँ तो सब होगा

तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा

जुस्तुजू जिस की थी उस को तो पाया हम ने

इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने

सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का

यही तो वक़्त है सूरज तिरे निकलने का

क्या कोई नई बात नज़र आती है हम में

आईना हमें देख के हैरान सा क्यूँ है

शिकवा कोई दरिया की रवानी से नहीं है

रिश्ता ही मिरी प्यास का पानी से नहीं है

घर की तामीर तसव्वुर ही में हो सकती है

अपने नक़्शे के मुताबिक़ ये ज़मीं कुछ कम है

ये क्या है मोहब्बत में तो ऐसा नहीं होता

मैं तुझ से जुदा हो के भी तन्हा नहीं होता

या तेरे अलावा भी किसी शय की तलब है

या अपनी मोहब्बत पे भरोसा नहीं हम को

जम्अ करते रहे जो अपने को ज़र्रा ज़र्रा

वो ये क्या जानें बिखरने में सुकूँ कितना है

उम्र का लम्बा हिस्सा कर के दानाई के नाम

हम भी अब ये सोच रहे हैं पागल हो जाएँ

सभी को ग़म है समुंदर के ख़ुश्क होने का

कि खेल ख़त्म हुआ कश्तियाँ डुबोने का

इक बूँद ज़हर के लिए फैला रहे हो हाथ

देखो कभी ख़ुद अपने बदन को निचोड़ के

पहले नहाई ओस में फिर आँसुओं में रात

यूँ बूँद बूँद उतरी हमारे घरों में रात

अब रात की दीवार को ढाना है ज़रूरी

ये काम मगर मुझ से अकेले नहीं होगा

आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई

आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई

आसमाँ कुछ भी नहीं अब तेरे करने के लिए

मैं ने सब तय्यारियाँ कर ली हैं मरने के लिए

ये जब है कि इक ख़्वाब से रिश्ता है हमारा

दिन ढलते ही दिल डूबने लगता है हमारा

तू कहाँ है तुझ से इक निस्बत थी मेरी ज़ात को

कब से पलकों पर उठाए फिर रहा हूँ रात को

आँखों में तेरी देख रहा हूँ मैं अपनी शक्ल

ये कोई वाहिमा ये कोई ख़्वाब तो नहीं

Recitation

Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here

बोलिए