aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "gulzaar"
गुलज़ार
born.1936
शायर
गुलज़ार देहलवी
1926 - 2020
मोहसिन नक़वी
1947 - 1996
गुलज़ार बुख़ारी
born.1949
हिज्र मोमिन
born.2005
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
1747 - 1824
बेदम शाह वारसी
1876 - 1936
जमाल पानीपती
1927 - 2005
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
1941 - 1999
मीर हसन
1717 - 1786
गुलज़ार मुरादाबादी
born.1988
सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम
1899 - 1978
ग़ुलाम अब्बास
1909 - 1982
लेखक
अहमद राही
1923 - 2002
क़लक़ मेरठी
1832/3 - 1880
आप के बा'द हर घड़ी हम नेआप के साथ ही गुज़ारी है
दौर हंगामा-ए-गुलज़ार से यकसू बैठेतेरे दीवाने भी हैं मुंतज़िर-ए-हू बैठे
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोईजैसे एहसाँ उतारता है कोई
आइना देख कर तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई
सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस कीसो हम भी उस की गली से गुज़र के देखते हैं
प्रमुख फि़ल्म निर्माता और निर्देशक, गीतकार और कहानीकार मिर्ज़ा गालिब पर टीवी सीरियल के लिए प्रसिद्ध साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित
शायर,पत्रकार और गीतकार। ग़ुलाम बेगम बादशाह और झाँसी की रानी जैसी फ़िल्मों के संवाद लेखक
ग़ुलाम अली की गाई हुईं 20 मशहूर ग़ज़लें
गुलज़ारگلزار
garden, bed of roses
a bed ot roses, a garden
गुलज़ारگل زار
'गुलज़ार'گلزارؔ
pen name
गुल-अज़ारگلغدار
rosy cheeked, flower-petal cheeked
गुलज़ार-ए-नसीम
पंडित दया शंकर नसीम लखनवी
मसनवी
Masnavi Gulzar-e-Naseem
Gulzar Nama
शाहिदा तबस्सुम
लेख
मिर्ज़ा ग़ालिब
नाटक / ड्रामा
Pichchle Panne
अफ़साना
Rawi Par
Tareekh Gulzar-e-Asifia
ख़्वाजा ग़ुलाम गाैस ख़ान
Kulliyat-e-Gulzar Dehlvi
कुल्लियात
Dhuan
Gulzar-e-Marifat
मुहिब हुसैन
रुबाई
Aandhi
हक़ीक़त-ए-गुलज़ार साबरी
शाह मोहम्मद हसन साबरी चिशती
चिश्तिय्या
Gulzar-e-Anees
मीर अनीस
मर्सिया
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हाक़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
शाम से आँख में नमी सी हैआज फिर आप की कमी सी है
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँउन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक करआदत इस की भी आदमी सी है
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करतेवक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
आदतन तुम ने कर दिए वादेआदतन हम ने ए'तिबार किया
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँउस ने सदियों की जुदाई दी है
दर्द हल्का है साँस भारी हैजिए जाने की रस्म जारी है
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