aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "اب"
साहिर लुधियानवी
1921 - 1980
शायर
बहादुर शाह ज़फ़र
1775 - 1862
इब्न-ए-इंशा
1927 - 1978
अब्दुल हमीद अदम
1909 - 1981
मख़दूम मुहिउद्दीन
1908 - 1969
मजीद अमजद
1914 - 1974
अबुल कलाम आज़ाद
1888 - 1958
लेखक
वाजिद अली शाह अख़्तर
1823 - 1887
क़ाबिल अजमेरी
1931 - 1962
ए जी जोश
1928 - 2007
अब्दुल अहद साज़
1950 - 2020
हफ़ीज़ बनारसी
1933 - 2008
अख़्तर होशियारपुरी
1918 - 2007
आसी ग़ाज़ीपुरी
1834 - 1917
फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी
1923 - 2009
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैंसो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़ह्म को तुझ से हैं उमीदेंये आख़िरी शम'एँ भी बुझाने के लिए आ
मेरी हर बात बे-असर ही रहीनुक़्स है कुछ मिरे बयान में क्या
अब भी दिलकश है तिरा हुस्न मगर क्या कीजेऔर भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलेंजिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
उर्दू में दस सर्वश्रेष्ठ हास्य यात्रा-वृतांत यहाँ पढ़ें। इस पृष्ठ में अब तक के सर्वश्रेष्ठ हास्य यात्रा वृत्तांत हैं, जिन्हें रेख़्ता ने ई-बुक पाठकों के लिए चुना है।
दस सर्वश्रेष्ठ उर्दू ड्रामा यहां पढ़ें। इस पेज पर अब तक के सर्वश्रेष्ठ उर्दू ड्रामें उपलब्ध हैं, जिन्हें रेख़्ता ने उर्दू ई-बुक पाठकों के लिए चुना है। यह साइट उर्दू इतिहास के लोकप्रिय उर्दू ड्रमों को सूचीबद्ध करती है।
टॉप 10 उर्दू ऐतिहासिक उपन्यास यहाँ पढ़ें। इस पृष्ठ में अब तक के सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक उपन्यास उपलब्ध हैं, जिन्हें रेख़्ता ने ई-बुक पाठकों के लिए चुना है।
''अबاب
now
अबاب
now, at this moment
Agar Ab Bhi Na Jage To
शम्श नवेद उसमानी
अनुवाद
Ab Tak (Kulliyat-e-Ghazal)
ज़फ़र इक़बाल
कुल्लियात
Tareekh-e-Adab-e-Urdu
नूरुल हसन नक़वी
इतिहास
Udas Naslein
Abdullah Husain
फ़िक्शन
Patras Ke Mazameen
पतरस बुख़ारी
लेख
तारीख़-ए-अदब-ए-उर्दू
जमील जालिबी
Urdu Adab Ki Tahreekein
अनवर सदीद
क़वाइद-ए-उर्दू
मौलवी अब्दुल हक़
भाषा
Aab-e-Gum
मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी
गद्य/नस्र
Maulaana Maudoodi Ke Sath Meri Rafaqat Ki Sarguzisht Aur Ab Mera Mauqaf
मोहम्मद मंज़ूर नोमानी
May 1985
Aam Lisaniyat
ज्ञान चंद जैन
वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बतअब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यूँ करें हम
कोई भी रुत हो उस की छबफ़ज़ा का रंग-रूप थी
गए दिन कि तन्हा था मैं अंजुमन मेंयहाँ अब मिरे राज़-दाँ और भी हैं
आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हँसीअब किसी बात पर नहीं आती
इस से पहले कि बे-वफ़ा हो जाएँक्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएँ
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाएअब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँअब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद हैहम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
निघरे क्या हुए कि लोगों परअपना साया भी अब तो भारी है
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books