वलीउल्लाह मुहिब
ग़ज़ल 48
अशआर 67
दैर में का'बे में मयख़ाने में और मस्जिद में
जल्वा-गर सब में मिरा यार है अल्लाह अल्लाह
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere