aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Abroo Shah Mubarak's Photo'

आबरू शाह मुबारक

1685 - 1733 | दिल्ली, भारत

उर्दू शायरी के निर्माताओं में से एक। मीर तक़ी मीर के समकालीन

उर्दू शायरी के निर्माताओं में से एक। मीर तक़ी मीर के समकालीन

आबरू शाह मुबारक

ग़ज़ल 72

अशआर 79

दूर ख़ामोश बैठा रहता हूँ

इस तरह हाल दिल का कहता हूँ

  • शेयर कीजिए

आज यारों को मुबारक हो कि सुब्ह-ए-ईद है

राग है मय है चमन है दिलरुबा है दीद है

तुम्हारे लोग कहते हैं कमर है

कहाँ है किस तरह की है किधर है

क़ौल 'आबरू' का था कि जाऊँगा उस गली

हो कर के बे-क़रार देखो आज फिर गया

  • शेयर कीजिए

तुम नज़र क्यूँ चुराए जाते हो

जब तुम्हें हम सलाम करते हैं

  • शेयर कीजिए

चित्र शायरी 1

 

ऑडियो 3

उस ज़ुल्फ़-ए-जाँ कूँ सनम की बला कहो

बढ़े है दिन-ब-दिन तुझ मुख की ताब आहिस्ता आहिस्ता

मगर तुम सीं हुआ है आश्ना दिल

Recitation

 

"दिल्ली" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए