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तुम्हारा दिल मिरे दिल के बराबर हो नहीं सकता
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता
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टैग : दिल
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हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग़'
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं
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वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था
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दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
a heart O lord if you bestow, one such it should be
that smilingly I may spend my time of misery
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टैग : दिल
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मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है
मिरी जाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है
those who meet you lovingly then into dust you grind
those who bear affection, dear, are very hard to find
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टैग : फ़ेमस शायरी
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ख़बर सुन कर मिरे मरने की वो बोले रक़ीबों से
ख़ुदा बख़्शे बहुत सी ख़ूबियाँ थीं मरने वाले में
upon my death she stated to my rivals, if you please
may God spare the parted soul had many qualities
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इस नहीं का कोई इलाज नहीं
रोज़ कहते हैं आप आज नहीं
ah! this denial, nothing can allay
every day you say no, not today
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टैग : तग़ाफ़ुल
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हमें है शौक़ कि बे-पर्दा तुम को देखेंगे
तुम्हें है शर्म तो आँखों पे हाथ धर लेना
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टैग : बोल्ड पोयम
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सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं
हम देखने वालों की नज़र देख रहे हैं
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आप का ए'तिबार कौन करे
रोज़ का इंतिज़ार कौन करे
who can depend on what you say?
who will wait each every day?
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ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया
तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया
शब-ए-विसाल है गुल कर दो इन चराग़ों को
ख़ुशी की बज़्म में क्या काम जलने वालों का
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लिपट जाते हैं वो बिजली के डर से
इलाही ये घटा दो दिन तो बरसे
by lightning scared, she clings to me
may two days,Lord, this weather be
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दी शब-ए-वस्ल मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ पिछली रात
हाए कम-बख़्त को किस वक़्त ख़ुदा याद आया
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टैग : फ़ेमस शायरी
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कल तक तो आश्ना थे मगर आज ग़ैर हो
दो दिन में ये मिज़ाज है आगे की ख़ैर हो
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ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं
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टैग : नक़ाब
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ले चला जान मिरी रूठ के जाना तेरा
ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा
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बड़ा मज़ा हो जो महशर में हम करें शिकवा
वो मिन्नतों से कहें चुप रहो ख़ुदा के लिए
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लुत्फ़-ए-मय तुझ से क्या कहूँ ज़ाहिद
हाए कम-बख़्त तू ने पी ही नहीं
you've never drunk O hapless priest
The joys of wine how will you see
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टैग : शराब
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कहने देती नहीं कुछ मुँह से मोहब्बत मेरी
लब पे रह जाती है आ आ के शिकायत मेरी
from voicing my emotions, love makes me refrain
grievances come to my lips but silent there remain
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टैग : शिकवा
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ये तो कहिए इस ख़ता की क्या सज़ा
मैं जो कह दूँ आप पर मरता हूँ मैं
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टैग : वैलेंटाइन डे
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उर्दू है जिस का नाम हमीं जानते हैं 'दाग़'
हिन्दोस्ताँ में धूम हमारी ज़बाँ की है
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टैग : उर्दू
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जिस में लाखों बरस की हूरें हों
ऐसी जन्नत को क्या करे कोई
where virgins aged a million years reside
hopes for such a heaven why abide
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टैग : जन्नत
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ये तो नहीं कि तुम सा जहाँ में हसीं नहीं
इस दिल को क्या करूँ ये बहलता कहीं नहीं
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नहीं खेल ऐ 'दाग़' यारों से कह दो
कि आती है उर्दू ज़बाँ आते आते
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टैग : उर्दू
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यूँ भी हज़ारों लाखों में तुम इंतिख़ाब हो
पूरा करो सवाल तो फिर ला-जवाब हो
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आओ मिल जाओ कि ये वक़्त न पाओगे कभी
मैं भी हम-राह ज़माने के बदल जाऊँगा
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टैग : इल्तिजा
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दी मुअज़्ज़िन ने शब-ए-वस्ल अज़ाँ पिछले पहर
हाए कम्बख़्त को किस वक़्त ख़ुदा याद आया
as I was meeting my beloved there was a call to prayer
that cursed priesthad to think of God just then and there?
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रहा न दिल में वो बेदर्द और दर्द रहा
मुक़ीम कौन हुआ है मक़ाम किस का था
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तुम को चाहा तो ख़ता क्या है बता दो मुझ को
दूसरा कोई तो अपना सा दिखा दो मुझ को
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हाथ रख कर जो वो पूछे दिल-ए-बेताब का हाल
हो भी आराम तो कह दूँ मुझे आराम नहीं
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हज़ार बार जो माँगा करो तो क्या हासिल
दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है
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टैग : दुआ
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ख़ातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया
झूटी क़सम से आप का ईमान तो गया
for reasons of formality, I've chosen to believe
you have surely lost your faith when you so deceive
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टैग : वादा
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रुख़-ए-रौशन के आगे शम्अ रख कर वो ये कहते हैं
उधर जाता है देखें या इधर परवाना आता है
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टैग : हुस्न
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कोई नाम-ओ-निशाँ पूछे तो ऐ क़ासिद बता देना
तख़ल्लुस 'दाग़' है वो आशिक़ों के दिल में रहते हैं
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ये सैर है कि दुपट्टा उड़ा रही है हवा
छुपाते हैं जो वो सीना कमर नहीं छुपती
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टैग : फ़ेमस शायरी
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देखना अच्छा नहीं ज़ानू पे रख कर आइना
दोनों नाज़ुक हैं न रखियो आईने पर आइना
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टैग : आईना
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दिल ले के मुफ़्त कहते हैं कुछ काम का नहीं
उल्टी शिकायतें हुईं एहसान तो गया
she takes my heart for free and yet holds it in disdain
far from showing gratitude, she ventures to complain
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टैग : दिल
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