Krishn Bihari Noor's Photo'

कृष्ण बिहारी नूर

1926 - 2003 | लखनऊ, भारत

लोकप्रिय शायर, लखनवी भाषा-संस्कृति के नुमाइंदे।

लोकप्रिय शायर, लखनवी भाषा-संस्कृति के नुमाइंदे।

कृष्ण बिहारी नूर

ग़ज़ल 30

अशआर 14

मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा

सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए

  • शेयर कीजिए

आइना ये तो बताता है कि मैं क्या हूँ मगर

आइना इस पे है ख़ामोश कि क्या है मुझ में

  • शेयर कीजिए

ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं

और क्या जुर्म है पता ही नहीं

यही मिलने का समय भी है बिछड़ने का भी

मुझ को लगता है बहुत अपने से डर शाम के बाद

कैसी अजीब शर्त है दीदार के लिए

आँखें जो बंद हों तो वो जल्वा दिखाई दे

पुस्तकें 6

 

वीडियो 6

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
Nazar mila na sake us se us nigaah ke baad

कृष्ण बिहारी नूर

Reading his poetry at a mushaira

कृष्ण बिहारी नूर

Wo kya hai, kaun hai, kaise koi nazar jaane

कृष्ण बिहारी नूर

इक ग़ज़ल उस पे लिखूँ दिल का तक़ाज़ा है बहुत

कृष्ण बिहारी नूर

ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं

कृष्ण बिहारी नूर

संबंधित शायर

"लखनऊ" के और शायर

Recitation

aah ko chahiye ek umr asar hote tak SHAMSUR RAHMAN FARUQI

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए