उदासी पर 20 मशहूर शेर
रचनाकार की भावुकता एवं संवेदनशीलता या यूँ कह लीजिए कि उसकी चेतना और अपने आस-पास की दुनिया को देखने एवं एहसास करने की कल्पना-शक्ति से ही साहित्य में हँसी-ख़ुशी जैसे भावों की तरह उदासी का भी चित्रण संभव होता है । उर्दू क्लासिकी शायरी में ये उदासी परंपरागत एवं असफल प्रेम के कारण नज़र आती है । अस्ल में रचनाकार अपनी रचना में दुनिया की बे-ढंगी सूरतों को व्यवस्थित करना चाहता है,लेकिन उसको सफलता नहीं मिलती । असफलता का यही एहसास साहित्य और शायरी में उदासी को जन्म देता है । यहाँ उदासी के अलग-अलग भाव को शायरी के माध्यम से आपके समक्ष पेश किया जा रहा है ।
टॉप 20 सीरीज़
- अंगड़ाई शायरी
- अदा शायरी
- आँख शायरी
- आँसू शायरी
- आईना शायरी
- आदमी/इंसान शायरी
- इन्तिज़ार शायरी
- इश्क़ शायरी
- उदास शायरी
- किताब शायरी
- ख़ामोशी पर शायरी
- ज़िन्दगी शायरी
- जुदाई शायरी
- ज़ुल्फ़ शायरी
- टूटे हुए दिलों की शायरी
- टॉप 20 पसंदीदा शेर
- तन्हाई पर शेर
- तस्वीर शायरी
- दर्द शायरी
- दिल शायरी
- दीदार पर शायरी
- दुआ शायरी
- दुनिया शायरी
- दोस्त/दोस्ती शायरी
- धोखा बेहतरीन शेर
- नए साल पर बेहतरीन शेर
- नुशूर वाहिदी के 20 बेहतरीन शेर
- प्रेरणादायक शायरी
- फूल शायरी
- बारिश शायरी
- बोसा शायरी
- मुलाक़ात शायरी
- मुस्कुराहट शायरी
- मौत शायरी
- याद शायरी
- वक़्त शायरी
- वफ़ा शायरी
- विदाई शायरी
- विसाल शायरी
- शराब शायरी
- सफ़र शायरी
- स्वागत शायरी
- हुस्न शायरी
- होंठ पर शायरी
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए
-
टैग्ज़: इश्क़और 2 अन्य
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो
-
टैग्ज़: इश्क़और 2 अन्य
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया
-
टैग्ज़: उदासीऔर 1 अन्य
अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे
बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे
-
टैग्ज़: उदासीऔर 4 अन्य
मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए
-
टैग्ज़: इश्क़और 3 अन्य
किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में
मिरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं
-
टैग्ज़: इश्क़और 4 अन्य
अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को
मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं
-
टैग: एहसास
तुम क्या जानो अपने आप से कितना मैं शर्मिंदा हूँ
छूट गया है साथ तुम्हारा और अभी तक ज़िंदा हूँ
-
टैग्ज़: इश्क़और 2 अन्य
मुझे तन्हाई की आदत है मेरी बात छोड़ें
ये लीजे आप का घर आ गया है हात छोड़ें
-
टैग्ज़: तन्हाईऔर 1 अन्य
हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल
उदासियों की कोई शहरियत नहीं होती
-
टैग्ज़: उदासीऔर 1 अन्य
मुझ से बिछड़ के तू भी तो रोएगा उम्र भर
ये सोच ले कि मैं भी तिरी ख़्वाहिशों में हूँ
-
टैग: जुदाई