दिल्ली के शायर और अदीब
कुल: 952
आबरू शाह मुबारक
उर्दू शायरी के निर्माताओं में से एक। मीर तक़ी मीर के समकालीन
अमीर ख़ुसरो
उर्दू / हिंदवी के पहले शायर। मशहूर सूफ़ी हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के शागिर्द और संगीतज्ञ। तबला और सितार जैसे साज़ों का अविष्कार किया। अपनी ' पहेलियों ' के लिए प्रसिद्ध जो भारतीय लोक साहित्य का हिस्सा हैं। ' ज़े हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल ' जैसी ग़ज़ल लिखी जो उर्दू / हिंदवी शायरी का पहला नमूना है।
दाग़ देहलवी
उर्दू के सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल। शायरी में चुस्ती , शोख़ी और मुहावरों के इस्तेमाल के लिए प्रसिद्ध
फ़िराक़ गोरखपुरी
प्रमुख पूर्वाधुनिक शायरों में विख्यात, जिन्होंने आधुनिक उर्दू गज़ल के लिए राह बनाई/अपने गहरे आलोचनात्मक विचारों के लिए विख्यात/भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
- जन्म : मुर्शिदाबाद
- निवास : दिल्ली
- निधन : लखनऊ
लखनऊ के सबसे गर्म मिज़ाज शायर। मीर तक़ी मीर के समकालीन। मुसहफ़ी के साथ प्रतिद्वंदिता के लिए मशहूर। 'रेख़्ती' विधा की शायरी भी की और गद्द में रानी केतकी की कहानी लिखी
ख़ान आरज़ू सिराजुद्दीन अली
भाषाविद्, मीर तक़ी मीर और मीर दर्द के उस्ताद
ख़्वाजा मीर दर्द
सूफ़ी शायर, मीर तक़ी मीर के समकालीन। भारतीय संगीत के गहरे ज्ञान के लिए प्रसिध्द
महात्मा गाँधी
मीर तक़ी मीर
उर्दू के पहले बड़े शायर जिन्हें 'ख़ुदा-ए-सुख़न' (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता है
मिर्ज़ा ग़ालिब
विश्व-साहित्य में उर्दू की सबसे बुलंद आवाज़। सबसे अधिक सुने-सुनाए जाने वाले महान शायर
मोहम्मद हुसैन आज़ाद
उर्दू के अनोखी शैली के गद्यकार और शायर. ‘आब-ए-हयात’ के रचनाकार. उर्दू में आधुनिक कविता के आन्दोलन के संस्थापकों में शामिल.
मोहम्मद रफ़ी सौदा
18वी सदी के बड़े शायरों में शामिल। मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन
मोमिन ख़ाँ मोमिन
ग़ालिब और ज़ौक़ के समकालीन। वह हकीम, ज्योतिषी और शतरंज के खिलाड़ी भी थे। कहा जाता है मिर्ज़ा ग़ालीब ने उनके शेर "तुम मेरे पास होते हो गोया, जब कोई दूसरा नही होता" पर अपना पूरा दीवान देने की बात कही थी
नाजी शाकिर
- निवास : दिल्ली
नज़ीर अकबराबादी
मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन। अग्रणी शायर जिन्होंने भारतीय संस्कृति और त्योहारों पर नज्में लिखीं। होली, दीवाली, श्रीकृष्ण पर नज़्मों के लिए मशहूर
सैय्यद मोहम्मद मीर असर
प्रमुख क्लासिकी शायर, मीर दर्द के छोटे भाई।
शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
- निवास : दिल्ली
आख़िरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र के उस्ताद और राजकवि , मिर्ज़ा ग़ालिब से उनकी प्रतिद्वंदिता प्रसिद्ध है।
ताबाँ अब्दुल हई
शायरी के अलावा अपनी सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध। कम उम्र में देहांत हुआ
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
- जन्म : तामिल नाडु
- निवास : दिल्ली
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
मुग़ल बादशाह शाह आलम सानी के उस्ताद, मीर तक़ी मीर के बाद के शायरों के समकालीन
अल्ताफ़ हुसैन हाली
उर्दू आलोचना के संस्थापकों में शामिल/महत्वपूर्ण पूर्वाधुनिक शायर/मिजऱ्ा ग़ालिब की जीवनी ‘यादगार-ए-ग़ालिब लिखने के लिए प्रसिद्ध
अमीक़ हनफ़ी
आधुनिक उर्दू शायरी और आलोचना का महत्वपूर्ण नाम। भारतीय दर्शन और संगीत से गहरी दिलचस्पी। आल इंडिया रेडियो से संबंधित थे।
अमीर क़ज़लबाश
लोकप्रिय शायर और फि़ल्म गीतकार/प्रेम रोग और राम तेरी गंगा मैली के गीतों के लिए मशहूर
अमृता प्रीतम
- जन्म : गुजरांवाला
- निवास : दिल्ली
- निधन : दिल्ली
पंजाबी की लोकप्रिय कवयित्री-लेखिका। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।
अशरफ़ अली फ़ुग़ाँ
18 वीं सदी के प्रमुख शायरों में शामिल / मीर तक़ी मीर के समकालीन
बहादुर शाह ज़फ़र
आख़िरी मुग़ल बादशाह। ग़ालिब और ज़ौक़ के समकालीन
बलराज कोमल
अग्रणी आधुनिक शायार और कहानिकार, भारत में आधुनिक उर्दू नज़्म के विकास में महत्वपूर्ण यागदान, पद्मश्री से सम्मानित।
डिप्टी नज़ीर अहमद
उर्दू के पहले उपन्यासकार के रूप में विख्यात
फ़ाएज़ देहलवी
मीर से पहले के मशहूर शायर, उर्दू शायरी के संस्थापक
हसरत मोहानी
स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य। ' इंक़िलाब ज़िन्दाबाद ' का नारा दिया। कृष्ण भक्त , अपनी ग़ज़ल ' चुपके चुपके, रात दिन आँसू बहाना याद है ' के लिए प्रसिद्ध
इनामुल्लाह ख़ाँ यक़ीन
मीर तक़ी ' मीर ' के समकालीन और उनके प्रतिद्वंदी के तौर पर प्रसिद्ध। उन्हे उनके पिता ने क़त्ल किया।
जवाहरलाल नेहरू
लाला सिरी राम
मख़दूम मुहिउद्दीन
महत्वपूर्ण प्रगतिशील शायर। उनकी कुछ ग़ज़लें ' बाज़ार ' और ' गमन ' , जैसी फिल्मों से मशहूर
मौलाना वहीदुद्दीन ख़ाँ
मज़हर मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
मीर मेहदी मजरूह
- निवास : दिल्ली
मीर मोहम्मदी बेदार
मिर्ज़ा सलामत अली दबीर
मोहम्मद हसन
मुफ़्ती सदरुद्दीन आज़ुर्दा
निदा फ़ाज़ली
महत्वपूर्ण आधुनिक शायर और फ़िल्म गीतकार। अपनी ग़ज़ल ' कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ' के लिए प्रसिद्ध