join rekhta family!
ग़ज़ल 21
शेर 24
उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है
मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है
-
टैग : हौसला
हमारी राह से पत्थर उठा कर फेंक मत देना
लगी हैं ठोकरें तब जा के चलना सीख पाए हैं
-
टैग : तजरबा
अब उन की ख़्वाब-गाहों में कोई आवाज़ मत करना
बहुत थक-हार कर फ़ुटपाथ पर मज़दूर सोए हैं
-
टैग : मज़दूर
सुना है वो भी मिरे क़त्ल में मुलव्विस है
वो बेवफ़ा है मगर इतना बेवफ़ा भी नहीं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए