Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

अफ़क़र मोहानी

1887 - 1971

क्लासिकी परम्परा के शायर, अपनी शायरी में तसव्वुफ़ के विषयों को भी बहुत ख़ूबसूरती के साथ बरता है

क्लासिकी परम्परा के शायर, अपनी शायरी में तसव्वुफ़ के विषयों को भी बहुत ख़ूबसूरती के साथ बरता है

अफ़क़र मोहानी का परिचय

उपनाम : 'अफ़क़र'

मूल नाम : मौलाना सैयय्द मोहम्म्द हुसैन

जन्म : 31 Jul 1887 | मोहान, उत्तर प्रदेश

निधन : 03 Nov 1971 | लखनऊ, उत्तर प्रदेश

अफ़्क़र मोहानी,सय्यद मोहम्मद हुसैन (1887-1971) मोहान (उत्तर प्रदेश) में पैदा हुए। ‘सिराज’लखनवी के साथ अदबी मुक़द्दमे-बाज़ी के लिए मशहूर जिसके वकील आनंद नारायण ‘मुल्ला’थे। लखनऊ से साहित्यिक पत्रिका ‘जाम-ए-जहाँ नुमा’ नि कालते थे जिस में समसामयिक शाइरों की ज़बान और बयान पर आलोचना की जाती थी। "सूफ़ी-मिज़ाज थे जो नए साहित्यिक माहौल में पारंपरिक काव्य-मूल्यों को सीने से लगाए रहे।

संबंधित टैग

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए